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What is Vijaya in Ayurveda? (आयुर्वेद में विजया: ‘क्या’ और ‘क्यों’)

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आयुर्वेद क्या है? Ayurveda Kya Hai In Hindi

आयुर्वेद भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है और दुनिया में सबसे पुरानी चिकित्साओ में से एक है। यह यहाँ की प्राचीन वैदिक संस्कृति से उपजी चिकित्सा है और इसका दृष्टिकोण अत्यंत व्यापक है।

यह न केवल शरीर बल्कि मन और आत्मा के उपचार पर भी ध्यान देता है, साथ ही एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देता है, इस प्राचीन पद्धति के अनुसार रोग की रोकथाम के लिये जीवनशैली का सही होना भी महत्वपूर्ण है।

आयुर्वेद में विजया की व्याख्या 

आयुर्वेद में विजया को शक्तिशाली और मूल्यवान जड़ी बूटियों में से एक माना गया है। इसमे अपार औषधीय गुण पाये गये हैं। अमर लोगो की दवा जैसे कई नामों से प्रसिद्ध इस जडी-बूटी के लिये माना जाता है कि इसके पत्तों में देवदूतो का वास होता है, और यह देवताओं का पौधा है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भांग तब उत्पन्न हुआ जब देवताओं और राक्षसों ने मंदरा पर्वत का उपयोग करके स्वर्गीय महासागरों में हलचल मचा दी। समुद्र मंथन के परिणामस्वरूप, समुद्र की गहराई से अमृत की एक बूंद आई और इसके जमीन पर गिरने से एक भांग का पौधा अंकुरित हुआ।

यह हिमालय में जंगली रूप से उगने वाला पौधा है और आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा विभिन्न रोगो की चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता है। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, असम आदि प्रदेशो में रहने वाले लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। यह उन्हें तेज़ सर्दियों से बचाता है और उनके पाचन एवम् जननांगो के स्वास्थ्य को बनाये रखने में सहायक है।

भारत में इसकी अपार शक्ति अनादि काल से प्रसिद्ध है। इसका उल्लेख महान पवित्र ग्रंथों और विभिन्न आयुर्वेदिक शास्त्रों जैसे सुश्रुत संहिता, चरक संहिता, शारगंधार संहिता, आनंदकांड, भाव प्रकाश आदि में मिलता है। 

4 वेद सबसे प्राचीन और सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथो में से एक हैं। उनमें से अथर्ववेद में बीमारी, चिकित्सा और रोजमर्रा की जीवन प्रक्रियाओं से संबंधित बाते बतायी गयी हैं। पुस्तक ११ के श्लोक १५ में विजया को पाँच सबसे पवित्र और शक्तिशाली पौधों में से एक माना गया है।

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यह इतना मूल्यवान क्यों है? (Why Vijaya Is Costly?)

  • विजया में शरीर से बुरे तत्वो को निकालने और रोगो का उपचार करने वाले गुण होते हैं।
  • इसके अलावा, इसमे दर्द निवारक गुण भी पाये जाते हैं। त्रैलोक्य विजया वटी एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक योग है जिसका उपयोग पुराने दर्द और गठिया के दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। यह मांसपेशियों में ऐंठन, साइटिका दर्द, मासिक धर्म में ऐंठन और पेट के दर्द से राहत दिलाने में भी प्रभावी है।
  • यह मिर्गी, ग्लूकोमा, सिज़ोफ्रेनिया, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, टी.बी. और नपुंसकता जैसी बीमारियों के इलाज में मदद कर सकता है।
  • उचित उपयोग करने पर यह आपके प्रजनन स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है।
  • आयुर्वेद में, इसका प्रमुख उपयोग पाचन और श्वसन तंत्र के उपचार के लिए किया गया था।
  • यह चिंता, संक्रमण, मानसिक बीमारियों और यूटीआई से संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए भी जाना जाता है।
  • यह कामेच्छा को बढ़ा सकता है और यौन रोगों के इलाज में मदद कर सकता है।
  • यह सही उपयोग करने पर आपके जिह्वा के स्वाद, पाचन अग्नि और भोजन की इच्छा को भी बढ़ा सकता है। सुश्रुत संहिता में विजया का उल्लेख दस्त के इलाज, भूख में सुधार और पाचन में सहायता के लिए एक शक्तिशाली दवा के रूप में किया गया है।
  • यह जल्दी नींद लाने में कारगर है, चिंता को कम करता है और इस प्रकार अनिद्रा को ठीक करता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर नींद में सुधार और सामान्य नींद चक्र को बहाल करने के लिए रोगियो में त्रैलोक्य विजया वटी का उपयोग करते है।
  • यह बलगम के उत्पादन को रोकने और कफ के इलाज के लिए जाना जाता है।
  • विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इसका उपयोग इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम, तंत्रिका तंत्र विकार, क्रोन रोग, दस्त, बुखार, जैसी बीमारियों के इलाज के लिए भी किया है।
  • आप इसे एक सामान्य टॉनिक के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। विजया को होमोस्टैसिस, मन और शरीर की स्थिर स्थिति को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
  • कीमोथेरेपी के कारण होने वाली मतली और उल्टी से बचने के लिए भी विजया का उपयोग बढ रहा है। यह ट्यूमर के विकास को रोकने में भी मदद करता है।

इसका सही उपयोग कैसे करें? (Right Way To Use Vijaya Herbs)

प्राचीन भारतीय संस्कृति में, विजया को सबसे उल्लेखनीय औषधीय पौधे के रूप में देखा जाता था।

आयुर्वेद में इसका स्वाद गर्म, कड़वा, तीखा और कसैला बताया गया है। इसके अलावा, यह हल्का, रुक्षता लाने वाला, सुस्त और मादक गुणों से भरपूर है। इसका उचित और निर्देशित उपयोग करके कफ को कम किया जा सकता है, यह पित्त को बढ़ाता है, पाचन में सहायता करता है और कब्ज को कम करता है।

इसका सही लाभ उठाने के लिये आप हमारे आयुर्वेदिक डॉक्टरों से बात कर सकते हैं। वह आपको विजया का सही उपयोग और आपके लिए इसकी सही मात्रा क्या होगी, यह बता सकते हैं। किसी भी अन्य दवा की तरह, विजया भी आपकी दूसरी दवा के साथ मिल कर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है, इसलिए इसे डॉक्टर के उचित मार्गदर्शन में ही लेना चाहिये।

हमेशा ऐसे उत्पाद खरीदें जो अच्छी तरह से शोधित, उच्च गुणवत्ता वाले और प्राकृतिक हों। आयुर्वेदिक उत्पाद रोग के पूर्ण उपचार में मदद करते हैं, आज की दुनिया में लक्षणवत उपचार की जगह इसी की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

प्राचीन भारत में, योगी और ऋषि इसके मूल्य को जानते थे और सब लोगो को इसका ज्ञान देते थे। इसलिए इसका सेवन हजारों सालों से होता आ रहा है।

चिकित्सक और आयुर्वेदिक विशेषज्ञ आज भी इसके मूल्य को समझते हैं, जो कई नैदानिक ​​अध्ययनों से सिद्ध हो चुका है। कई बीमारियों के इलाज के लिए इसकी सलाह दी जाती है।

 

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