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Jodo Ke Dard Ka Ayurvedic Upchar: त्रैलोक्य विजया वटी जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करने में सक्षम

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आज हम जानेंगे जोड़ों में दर्द के आयुर्वेदिक उपचार (Jodo Ke Dard Ka Ayurvedic Upchar) और दवा के बारे में प्रसिद्ध वैद्य प्रीति छाबरा द्वारा। जानेंगे की उन्होंने अपने रोगी को त्रैलोक्य विजया वटी जो की एक आयुर्वेदिक दवा है उसका उपयोग करके कैसे अपने रोगी को पूरी तरह से ठीक किया।

सार: यह एक 72 वर्षीय महिला की केस स्टडी है जिसे कई जोड़ों में दर्द तथा हाथ-पैर दोनो में रह्यूमेटॉइड आर्थराइटिस की समस्या थी और कैसे त्रैलोक्य विजया वटी ने उसे इस स्थिति से निपटने और उसके जीवन की गुणवत्ता बढाने में मदद की।

आयुर्वेद का परिप्रेक्ष्य 

आमवात का वर्णन ऋग्वेद में 1500 ईसा पूर्व का है। इसका मुख्य निदान आम का निर्माण और उसका एकत्र होना है जो सूजन के लिए प्रेरक कारक है। आमवात के उपचार में अग्नि को ठीक करना और शूल का प्रबंधन दो बुनियादी सिद्धांत हैं। विजया का तिक्त रस और ऊष्ण गुण इसे जोडो के दर्द और आमवात के उपचार के लिए आदर्श दवा बनाता है।

परिचय (Amavata Kya Hota Hai)

आमवात या रह्यूमेटॉइड आर्थराइटिस एक दीर्घकालिक, प्रगतिशील और व्यक्ति को विक्लांग करने वाला ऑटोइम्यून रोग है। यह जोड़ों और शरीर के अन्य अंगों में और उसके आसपास सूजन और दर्द का कारण बनता है।

रह्यूमेटॉइड आर्थराइटिस आमतौर पर हाथों और पैरों को पहले प्रभावित करता है लेकिन यह किसी भी जोड में हो सकता है। यह आमतौर पर शरीर के दोनों तरफ के जोड़ को समान रूप से प्रभावित करता है।

आरए के लक्षण आते जाते रहते हैं। रिमिशन के दौरान, वे गायब हो सकते हैं, या हल्के हो जाते हैं। हालांकि, बाद में वे गंभीर हो सकते हैं। इस विकार में होने वाली जोडो की क्षति से दैनिक गतिविधियों को करना मुश्किल हो सकता है।

केस रिपोर्ट 

रोगी का वर्णन

72 वर्ष की आयु के इस रोगी को हाथ-पैरो में आमवात और कई जोड़ों में दर्द की शिकायत थी। वह काफी मुश्किल के साथ चल रही थी, और उसके हाव-भाव से पता चल रहा था कि उसके लिए यह कितना कष्टदायी है। उसे पाचन और नींद सही न आने की भी शिकायत की।

इतिहास इतिवृत्त

रोगी रोजाना वोवेन 50mg और अल्ट्रासेट के रूप में शक्तिशाली दर्द निवारक दवा ले रही थी। इन दवाओ के दुष्परिणाम उसके शरीर पर दिखाई दे रहे थे क्योंकि जब भी वह अपने दर्द से निपटने के लिए रासायनिक दर्द निवारक दवा लेती थी तो उसकी आंत में तेज दर्द होता था । गैस्ट्राइटिस और दर्द को हराने के लिए उसने आधुनिक एन्टा एसिड लेना भी शुरू कर दिया, जो उसके पाचन को खराब कर रहा था।

उपचार योजना (Jodo Ke Dard Ka Ayurvedic Ilaj In Hindi)

उपयोग की जाने वाली दवाएं (Jodo Ka Dard Ki Ayurvedic Dawa) – त्रैलोक्य विजया वटी जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा है। पूरी तरह से नैदानिक ​​परीक्षा के बाद, उसे शुरू में सात दिन के लिए दिन में तीन बार त्रैलोक्य विजया वटी की 1-1 टैबलेट दी गयी।

उपचार योजना के अपेक्षित परिणाम

अपेक्षित परिणाम यह था कि उसका दर्द और सूजन ठीक हो जाये, पाचन में सुधार, और रोगी को अच्छी नींद आ जाये।

वास्तविक परिणाम 

इस मामले में एक सप्ताह की यह छोटी अवधि कैनबिस या विजया के दर्द निवारक प्रभावों को देखने के लिये पर्याप्त थी। त्रैलोक्य विजया वटी के एक सप्ताह के उपयोग ने उसे सिंथेटिक दर्द निवारक दवाओं के सेवन से छुटकारा दिला दिया, नींद की गुणवत्ता में सुधार हुआ तथा रात में दर्द नहीं हुआ, प्रक्रिया के दौरान उसका पाचन भी ठीक हो गया। एक सप्ताह की अवधि के बाद जब वह क्लिनिक आई तो उसकी चाल में भी सुधार हुआ था।

विचार-विमर्श

जैसा कि आयुर्वेद में उल्लेख किया गया है, उपचार की रेखा को अग्नि और शूल के प्रबंधन के उद्देश्य से तय किया गया था। उपचार शुरू करने के एक सप्ताह के भीतर रोगी को उसकी अधिकांश शिकायतों से राहत मिल गई।

निष्कर्ष

पिछले 50 वर्षों में, आधुनिक चिकित्सा द्वारा आरए और इसके साथ जुड़े जोडो के दर्द पर व्यापक शोध किया गया है लेकिन इसका निदान और उपचार की एक मानक रेखा अभी भी विकसित हो रही है। नए शोध से विभिन्न जैविक घटको का पता चला है जिन्होंने काफी रोगियों को राहत दी है। हालांकि, ये बहुत महंगे हैं, इन्हें निगरानी की आवश्यकता है, साइड इफेक्ट्स हैं, और सीमित काल तक उपयोग कर सकते है।

कई छोटे अध्ययनों के परिणाम से पता चलता है कि आरए वाले लोगों में, कैनबिस ने सुबह के दर्द को रोकने, नींद में सुधार और जोड़ों में सूजन को कम करने में मदद की है। इसलिए आरए और जोड़ों के दर्द के इलाज में कैनबिस के उपयोग को और बढ़ावा दिया जा सकता है क्योंकि यह अन्य उपलब्ध दवाओं का सस्ता और प्रभावी विकल्प भी है।

अध्ययन: डॉ प्रीति छाबड़ा

हेम्पस्ट्रीट द्वारा प्रकाशित

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