एंडोकैनाबिनोइड सिस्टम और उसके कार्य को समझना
(Decoding The Endocannabinoid System And Its Functions)
मेडिकल प्रोफेशनल और हेल्थकेयर एक्सपर्ट मेडिकल कैनबिस के बढ़ते चिकित्सीय इस्तेमाल पर बहुत सी स्टडी और शोध कर चुके हैं। उन्होंने पाया है कि ये केमिकल कंपाउंड हैं, जिन्हें कैनाबिनोइड कहा जाता है। इनमें दर्दनिवारक और सूजन कम करने वाली खासियतें होती हैं। इसलिए, ये कई रोगों के इलाज में मदद कर सकते हैं। जैसे, पुराने दर्द, स्पास्टीसिटी, थकान, चिंता, अनिद्रा, गठिया वगैरह। लेकिन क्या ये कैनाबिनोइड इतने प्रभावी तरीके से काम करते हैं? हो सकता है कि जवाब आपके लिए चौंकाने वाला हो, लेकिन जवाब आपके शरीर के भीतर ही मौजूद है। हमारे शरीर में कैनाबिनोइड पर प्रतिक्रिया देने और चिकित्सीय प्रभाव पैदा करने के लिए एक अलग से बायोलॉजिकल सिस्टम होता है। इसको एंडोकैनाबिनोइड सिस्टम कहते हैं।
बुनियादी बातें (Enter the Fundamentals)
एंडोकैनाबिनोइड सिस्टम (ECS) न्यूरोमॉड्यूलेटरी रिसेप्टर के रूप में मौजूद होता है। ये शरीर में कैनाबिनोइड के साथ जुड़ने के लिए ही तैयार किए जाते हैं। यही सिस्टम हमारे नर्वस सिस्टम, दिमाग और दूसरे जरूरी अंगों के अच्छे से काम करने के लिए ज़रूरी होते हैं। इन रिसेप्टर का कठिन सा नेटवर्क, इंसानी शरीर के पूरे सेंट्रल और पेरीफेरल नर्वस सिस्टम में फैला होता है।
कंपोनेंट (The Components)
ईसीएस के तीन जरूरी कंपोनेंट होते हैं, जो हैं:
1. कैनाबिनोइड रिसेप्टर (Cannabinoid Receptors)
किसी भी दूसरे बायोलॉजिकल सिस्टम की तरह ईसीए के पास भी रिसेप्टर का नेटवर्क है। इन कैनाबिनोइड रिसेप्टर के बिना एंडोकैनाबिनोइड के पास खुद से बांधने के लिए कुछ नहीं होगा। सिर्फ इन रिसेप्टर से जुड़ने के बाद ही ये बायोलॉजिकल प्रतिक्रिया दे पाते हैं। दो अहम कैनाबिनोइड रिसेप्टर सीबी1 और सीबी2 हैं। पहले वाला होमियोस्टैसिस, नींद, दर्द और भूख को नियंत्रित करता है। ठीक इसी समय दूसरा वाला इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करता है।
2. एंडोकैनाबिनोइड सिस्टम (Endocannabinoids)
एंडोकैनाबिनोइड ऑर्गेनिक मॉलीक्यूल होते हैं जो कैनाबिनोइड रिसेप्टर को बांधकर उन्हें एक्टिवेट करते हैं। इसके अलावा, ये इंसान के शरीर में (“एंडो”) ही बनते हैं। प्लांट बेस्ड कैनाबिनोइड (या फायटो कैनाबिनोइड) प्राकृतिक कैनाबिनोइड होते हैं जिन्हें कैनबिस जैसे पौधों से लिया जाता है, ये एंडोकैनाबिनोइड जैसा ही असर करते हैं।
शरीर में होमियोस्टैसिस मतलब फिजिकल, केमिकल और ऊर्जा का संतुलन बनाने के लिए एंडोकैनाबिनोइड अहम होते हैं। दो महत्वपूर्ण एंडोकैनाबिनोइड हैं:
· एनंदामाइड (Anandamide): एनंदामाइड को संस्कृत के शब्द आनंदा से लिया गया है, जिसका मतलब है आनंद। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये मूड पर साकारात्मक असर डालता है और ये शरीर का अपना एंटी-डिप्रेसेंट है
· 2-एजी (2-AG): ये शरीर में बड़ी मात्रा में होता है और रोगप्रतिरोधक क्षमता को नियंत्रित करता है।
3. मेटाबोलिक एंजाइम (Metabolic Enzymes)
ये ऑर्गेनिक कंपाउंड हैं जो होमियोस्टैसिस बनाकर रखने और मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में बड़ा रोल निभाते हैं। इस्तेमाल होने के बाद ये एंडोकैनाबिनोइड को सिस्टम में तोड़ देते हैं। एफ़एएएच और एमएजीएल दो एंजाइम हैं जो एनंदामाइड और 2-एजी को तोड़ते हैं।
इसकी जरूरत क्यों होती है? (Why Is It Needed?)
होमियोस्टैसिस बनाकर रखने में ईसीएस की बड़ी भूमिका होती है। ये कुछ खास टूल का इस्तेमाल करके शरीर के संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। ये टूल हैं कैनाबिनोइड जो काउंटरबैलेंस का काम करता है। होमियोस्टैसिस में मदद करने के लिए जरूरत के समय हमारा शरीर सही मात्रा में एंडोकैनाबिनोइड रिलीज करता है और काम हो जाने के बाद इन्हें तोड़ देता है।
मान लीजिए, बाहरी दबाव जैसे चोट, दर्द या बुखार की वजह से शरीर की स्थिरता कम हो जाती है; तब ये ईसीएस ही शरीर को इसकी आदर्श कामकाजी स्थिति में वापस लाने में मदद करता है। शोधों में इस सिस्टम को शरीर की कई प्रक्रियाओं से जोड़कर देखा जाता है, जैसे:
· मेटाबोलिज्म
· रोगप्रतिरोधक प्रक्रिया
· भूख
· सूजन
· दर्द
· नींद
· याददाश्त और सीखना
· मूड
· तनाव और एंक्जाइटी
· नर्वस सिस्टम फंक्शन वगैरह
एंडोकैनाबिनोइड सिस्टम को टीएससी और सीबीडी कैसे प्रभावित करते हैं? (How Do THC And CBD Interact With The Endocannabinoid System?)
कैनबिस-आधारित दवा से मिले कैनबिनोइड रिसेप्टर के साथ ताला और चाबी की तरह काम करते हैं। इसमें रिसेप्टर ताला है और कैनबिनोइड चाभी। कैनबिनोइड मोलेक्यूल मतलब चाभी खुद को सेल की दीवार पर ताला मतलब रिसेप्टर से जोड़ लेते हैं, जिससे प्रतिक्रिया होती है। इसलिए, इसका असर दिमाग और शरीर पर होता है। जिसके चलते स्वास्थ्य से जुड़े जरूरी फायदे मिलते हैं।
ऐसे करीब 100 कैनबिनोइड हैं जिन्हें वैज्ञानिकों ने कैनबिस प्लांट से लिया है। ये प्राकृतिक तौर पर होते हैं और इनको फायटोकैनबिनोइड कहा जाता है।
शरीर में होमियोस्टैसिस बिगड़ने पर कैनबिनोइड लेकर एंडोकैनाबिनोइड सिस्टम को सहयोग किया जा सकता है। इसकी वजह एंडोकैनाबिनोइड में असंतुलन या फिर क्लीनिकल एंडोकैनाबिनोइड डेफिशिएंसी (CED) हो सकती है।
कैनबिस के सबसे बड़े कैनबिनोइड में से एक टीएचसी (टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल) है जो प्रकृति में साइकोएक्टिव होते हैं। इस्तेमाल होने के बाद ये शरीर में रिसेप्टर के साथ जुड़ जाते हैं। काफी हदतक ये सीबीडी से ज्यादा मजबूत होते हैं क्योंकि ये सीबी1 और सीबी2 दोनों रिसेप्टर के साथ बंध जाते हैं। इसके बाद भूख और नींद बढ़ती हैं, दर्द कम होता है और स्वास्थ्य से जुड़े दूसरे भी कई फायदे होते हैं
कैनबिस में दूसरा बड़ा कैनबिनोइड होता है सीबीडी (कैनबिडिऑल)। ये टीएचसी से अधिक साइकोएक्टिव नहीं होता है।इसका मुख्य काम एंडोकैनाबिनोइड को टूटने से रोकना होता है। इसकी वजह से इसका शरीर पर ज्यादा असर दिखता है।
कैनबिस से बनी दवाओं के कई चिकित्सीय इस्तेमाल होते हैं। लेकिन आज, कई चिकित्सा विशेषज्ञ और आयुर्वेदिक डॉक्टर दिमाग में एंडोकैनाबिनोइड के पूर्ण स्तर को प्रभावित करने की इसकी योग्यता की ओर आकर्षित हुए हैं।
ये मेटाबोलिक एंजाइम एफ़एएएच को भी रोकता है। एफ़एएएच एंजाइम को तोड़ने से रोककर सीबीडी सिस्टम में एनंदामाइड के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए एंक्जाइटी और दूसरी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को रोकने के लिए सीबीडी एक प्रभावी दवा है।
सारांश (Summary)
ईसीएस शरीर का बेहद जरूरी बयोलॉजिकल सिस्टम है। ये दर्द और एंक्जाइटी से लेकर मेटाबॉलिज्म और रोगप्रतिरोधक क्षमता तक शरीर की कई खास प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, कैनबिस की दवाएं अपने चिकित्सीय प्रभाव दिखाने के लिए इस सिस्टम और इसके रिसेप्टर्स पर निर्भर होती हैं।
इसके साथ, ये सिस्टम शरीर के नर्वस सिस्टम और इम्यून सिस्टम में होता है और यहीं पर काम करता है। यही वजह है कि कैनबिनोइड कई सारी बड़ी बीमारियों के इलाज में मदद कर सकते हैं।
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References
https://www।formulatehealth।co
https://www।healthline।com/
https://www।leafly।com/news/