त्रैलोक्य विजया वटी आयुर्वेद की एक प्रभावी शास्त्रीय (क्लासिकल) औषधि है जिसका मुख्य तत्व भांग होता है. त्रैलोक्य विजया वटी के तीन शब्दों में तीन लोकों पर जीत का निहितार्थ छुपा है. मोटर न्यूरॉन या वात- वाहिनी नाड़ी पर इस औषधि का सीधा असर होता है .इसलिए आयुर्वेद में इस औषधि को तुरंत आराम देने वाला या ‘आशुकरी’ माना गया है. कई तरह के दर्द में इससे चमत्कारिक रूप से आराम मिलता है |
आयुर्वेदिक शास्त्रीय चिकित्सा – संदर्भ: आयुर्वेद सार संग्रह
घटक द्रव्य (Constituent Matters): त्रिलोक्य विजया वटी ’की प्रत्येक गोली में 62.5 मिलीग्राम विजया (कैनाबिस सैटिवा लिनन) के सूखे पत्ते, 62.5 मिलीग्राम वंश लोचन (बंबूसा अरुंडियानैसिया) और अनुद्रव्य (excipients) यथा आवश्यक (q.s.)
व्याधिनिर्देश : Trailokya Vijaya Vati Kis Kaam Aati Hai
- पुराने दर्द, जोड़ों के दर्द के लिए भांग की दवा
- मांसपेशियों में ऐंठन और गृध्रसी (सायटिका) के पुराने दर्द में प्रभावी
- मासिक धर्म ऐंठन (मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स) और कष्टार्तव (डिसमेनोरिया) सम्बंधित दर्द में प्रभावी
- पेट के दर्द (उदरशूल) में राहत, कोलाइटिस, IBS और डायरिया के उपचार में प्रभावी
- भूख बढ़ाता है
- अनिद्रा (इंसोमनिया) और चिंता पर नियंत्रण में सहायक
- नींद की गुणवत्ता में सुधार और नियंत्रण
- थकान और न्यूरोपैथिक दर्द में आराम
- कीमोथेरेपी के साइड-इफेक्ट्स को कम करने में सहायक
- गुर्दे (रीनल कालिक) और पेट के दर्द में प्रभावी
औषधीय गुणधर्म: Trailokya Vijaya Vati Medicinal Properties
भूख- मानव शरीर में भूख की मात्रा घ्रेलिन नामक पदार्थ द्वारा होता है इसलिए इसे भूख बढाने वाला ‘हार्मोन’ ( हंगर हार्मोन ) भी कहा जाता है. हार्मोन पेट, आंतों और मस्तिष्क द्वारा उत्पन्न होता है और यही भूख को बढ़ाता या घटाता है. भांग (कैनबिस) घ्रेलिन के स्तर को सक्रिय (ट्रिगर) करता है जिससे भूख बढती है |
खुराक (डोज): Trailokya Vijaya Vati Dosage
एक गोली (टेबलेट) का सेवन दिन में दो बार या फिर आयुर्वेद चिकित्सक के सलाहनुसार
शुरुआत में त्रैलोक्य विजया वटी की कम खुराक देने की सलाह दी जाती है. हालांकि रोगी की रोग और प्रकृति के अनुसार खुराक में बदलाव किया जा सकता है. आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार इसका सेवन करना श्रेयस्कर होगा |
औषधि लेने का माध्यम (रूट ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन): मौखिक
पथ्य:
आहार- गाय का दूध और घी, प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) छांछ , पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक, सुपाच्य और ताजा भोजन
विहार (जीवनशैली)- शारीरिक क्षमता के अनुरूप नियमित व्यायाम, गर्म पानी का सेवन और रात का भोजन (डिनर) जल्दी करना
अपथ्य:
आहार- अत्यधिक मसालेदार, ठंढा, सूखा, दुबारा गर्म किया हुआ, जंक और गरिष्ठ भोजन से परहेज
विहार (लाइफस्टाइल)- शुष्क और गर्म वातावरण , देर से रात का भोजन और कम नींद
चेतावनी: शेड्यूल E-1 दवा। चिकित्सकीय देख-रेख में औषधि लेना अनिवार्य है.
कुप्रभाव (साइड-इफेक्ट्स) और सुरक्षा (सेफ्टी):
त्रैलोक्य विजया वटी पूरी तरह से सुरक्षित है बशर्ते कि चिकित्सक की देखरेख और निर्देशानुसार लिया जाए |
सावधानियां और चेतावनी:
एलर्जी- भांग या भांग से बनी दवा के किसी अवयव से आपको एलर्जी है तो इस दवा को न ले |
गर्भावस्था और स्तनपान- गर्भावस्था या स्तनपान की स्थिति में इस दवा को कतिपय नहीं लिया जाना चाहिए. गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं पर इस दवा के प्रभाव का अबतक कोई अध्ययन नहीं किया गया है. यही कारण है कि गर्भावस्था या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस दवा को किसी भी स्थिति में न लेने की सलाह दी जाती है |
पेडियाट्रिक्स- बच्चों और उनसे जुडी चिकित्सा में इस दवा के प्रभाव का अध्ययन नहीं किया है, इसलिए इसे 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी स्थिति भी नहीं दिया जाना चाहिए |
हृदय रोग- हृदय रोगियों को इस दवा को चिकित्सक की देख-रेख में ही दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) में उतार-चढाव हो सकता है.सर्जरी- इसे एनेस्थीसिया या शामक दवाओं के साथ लेने से बहुत अधिक नींद आ सकती है। इसलिए सर्जरी से कम से कम एक सप्ताह पहले दवा बंद करने की सलाह दी जाती है।
औषधि अन्योन्यक्रिया (ड्रग इंटरैक्शन):
यह दवा सुरक्षित है, अगर सलाहानुसार इसकी खुराक ली जाए. अबतक इसके कुप्रभाव का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. इस दवा को किसी अन्य दवा के साथ लिया जाता है तो दवा शुरु करने के पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है. यदि आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दोनों तरह की आप दवाएं खा रहे हैं तो दवाओं के बीच कम से कम 20-30 मिनट का अंतर होना चाहिए या फिर चिकित्सक के निर्देशानुसार लिया जाना चाहिए |
शामक औषधीय के साथ दवा- शामक दवाओं के साथ भांग (कैनबिस) लेने से बहुत अधिक नींद आ सकती है. किसी भी शामक दवा के साथ इस दवा को लेने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें |
ब्लड सूगर (रक्त शर्करा) नियंत्रित करने वाली दवाएं-
ब्लड सूगर (रक्त शर्करा) के स्तर को नियंत्रित करने वाली दवाओं के साथ इसके किसी कुप्रभाव (ड्रग इंटरैक्शन) का अबतक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. यह बल्ड सूगर नियंत्रित करने वाली दवाओं के साथ पूर्णतया सुरक्षित है.लेकिन इसके अधिक खुराक(ओवरडोज) लेने से उनींदापन, हल्का सिरदर्द, धड़कन और रक्तचाप में उतार-चढ़ाव, पैनिक अटैक के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. अधिक खुराक(ओवरडोज) की स्थिति में चिकित्सीय सहायता तुरंत लें |
सामान्य निर्देश:
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- 15-25 डिग्री सेल्सियस तापमान पर संग्रहित करे
- गर्मी, प्रकाश और नमी से बचाए
- यदि ढक्कन खुला / टूटा हुआ हो तो उपयोग न करें
- समयसीमा समाप्ति (एक्सपायरी) के बाद दवा का उपयोग न करें
- भांग से बनी दवा आप ले रहे हैं तो ऐसी स्थिति में शराब पीना वर्जित है
- भांग से बनी दवा को लेने के बाद ड्राइव या किसी भी तरह को मशीन को संचालित न करे
संदर्भ:
Cannabinoids as pharmacotherapies for neuropathic pain:
- Rahn EJ, Hohmann AG
- Neurotherapeutics. 2009 Oct; 6(4):713-37.
- Mol Cell Endocrinol. 2013 Jan 30; 365(2): 303–308.
- Gastroenterol Hepatol (N Y). 2016 Nov; 12(11): 668–679.
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