सार: यह एक 28 वर्ष की महिला का केस है जो ‘चॉकलेट सिस्ट’ (जिसे ऑवेरियन एंडोमेट्रियोमा के रूप में भी जाना जाता है) से पीडित थी, जिसके कारण अचानक ही उसमे विभिन्न लक्षण आने लगे और उसके पीरियड्स और दैनिक दिनचर्या में कठिनाई आने लगी। मरीज को सर्जरी की सलाह दी गई, लेकिन वह कोविड अवधि के दौरान ऐसी किसी प्रक्रिया के लिये राज़ी नहीं थी अतः कुछ समय के लिए उसने दर्द का इलाज करवाने को प्राथमिकता दी। त्रैलोक्य विजया वटी से उसे अपनी समस्या से निपटने में काफी मदद मिली और वह दोबारा अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस आ गई।
परिचय : चॉकलेट सिस्ट क्या होता है?
’चॉकलेट सिस्ट’ नाम भूरे, टार जैसी दिखने वाली चीज से निकला है, जो पिघली हुई चॉकलेट जैसी दिखती है। चॉकलेट सिस्ट कुछ महिलाओं में लक्षण पैदा कर सकता है। और हो सकता है कि अन्य महिलाओं में कोई भी लक्षण उत्पन्न न करे।
लक्षणों का आना या ज़्यादा लक्षण होना सिस्ट के आकार पर निर्भर नहीं करता। इसका मतलब यह है कि एक छोटी सिस्ट वाली महिला लक्षणों का अनुभव कर सकती है, जबकि एक बडी सिस्ट वाली महिला में हो सकता है कि कोई भी लक्षण न आये। सिस्ट का आकार 2 से 25 सेंटीमीटर तक हो सकता है।
इस रोग में आने वाले लक्षण एंडोमेट्रियोसिस के समान होते हैं। दर्दनाक पीरियड्स. श्रोणि में दर्द, अनियमित मासिक चक्र, सेक्स के दौरान दर्द, और कुछ महिलाओं में बांझपन जैसे लक्षण आते हैं।
केस रिपोर्ट
रोगी का वर्णन (Chocolate Cyst Symptoms in Hindi)
28 साल की इस महिला रोगी को पीरियड्स के दौरान अचानक श्रोणी में दर्द और ऐंठन का अनुभव हुआ। वह महिला बहुत ही सक्रिय गृहिणी थी परंतु इस रोग के कारण उसकी दैनिक गतिविधियाँ बाधित होने लगी। वह रात भर ऐंठन और पेल्विक दर्द के कारण सुबह उठ भी नहीं पाती थी। इस कारण उसके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी, यहाँ तक कि बाहर से खाना आर्डर करना पडता था। उसने ऐलोपैथिक दर्द निवारक दवाएं ली लेकिन उनसे भी उसे कोई फायदा नहीं हुआ।
इतिहास इतिवृत्त
रोगी को लगभग एक साल पहले नियमित जांच के दौरान पता चला कि उसके बाएं अंडाशय में एक छोटे आकार की चॉकलेट सिस्ट थी। हालांकि उसमे कोई लक्षण नहीं थे। स्त्री रोग विशेषज्ञ ने सुझाव दिया कि उसे इंतजार करके देखना चाहिए – इस दौरान वह नियमित रूप से यूएसजी करवाए और इसके आकार पर नज़र रखे, यदि कोई भी लक्षण हो तो डॉक्टर से सम्पर्क करे।
एक महीने पहले, रोगी को अचानक ही दर्द हुआ और अत्यंत दर्दनाक पीरियड्स हुए। सिस्ट का आकार तो ज़्यादा नहीं बढ़ा था लेकिन लक्षणों और प्रोटोकॉल के हिसाब से रोगी को सर्जरी की सलाह दी गई। हालांकि, वह कोविड के कारण सर्जरी नहीं कराना चाहती थी, इसीलिए उसने दर्द निवारक दवाओं का विकल्प चुना।
लेकिन इन दर्द निवारक दवाओं का प्रभाव आसानी से कम हो जाता था और दर्द फिर भी बना रहता था। अंत में उसने आयुर्वेदिक चिकित्सा का विकल्प चुना।
उपचार योजना / उपयोग की जाने वाली दवाएं – त्रैलोक्य विजया वटी (Chocolate Cyst Ayurvedic Medicine)
रोगी को शुरू में तीन दिनों की अवधि के लिए दिन में तीन बार एक टैबलेट त्रैलोक्य विजया वटी दी गई। और बाद में मात्रा को कम किया गया।
उपचार योजना के अपेक्षित परिणाम
उम्मीद की गई थी कि इससे उसे दर्द में राहत मिलेगी।
वास्तविक परिणाम
3 दिनों में ही विजया के दर्द निवारक प्रभाव देखने मिले और उसका दर्द कम हो गया। जब वह दोबारा डॉक्टर को दिखाने के लिए आयी तो उसे दर्द की कोई शिकायत नहीं थी और अब उसे नींद भी अच्छी आ रही थी।
विचार-विमर्श
जैसा कि आयुर्वेद में उल्लेख किया गया है, उपचार की रूपरेखा शूल प्रबंधन के उद्देश्य से तय की गई थी। उपचार शुरू करने के एक सप्ताह के भीतर ही रोगी को उसके अधिकांश लक्षणो मे राहत मिल गई।
निष्कर्ष
सिस्ट को सर्जरी के द्वारा निकालने के अलावा – इस रोग की लक्षणवत् चिकित्सा करने को वरीयता दी जाती है क्योंकि सर्जरी से निकाली गई 80% सिस्ट फिर से हो सकती हैं। चॉकलेट सिस्ट के मामलों में रोगी अक्सर दर्द का इलाज करवाने आते हैं।
लेकिन दर्द प्रबंधन और नियमित रूप से चॉकलेट सिस्ट की इमेजिंग करवाना, किसी के भी जीवन में एक अतिरिक्त कार्य ही है। ऐसे परिदृश्य में, चॉकलेट सिस्ट के प्रबंधन में त्रैलोक्य विजया वटी दवा एक उत्कृष्ट विकल्प है।
केस स्टडी: डॉ विक्रांत पाटिल